अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ऊपरी स्तर पर कॉटन के भाव में कमजोर लेवाली को देखते हुए आज कॉटन कैंडी में दो प्रतिशत की मंदी देखने को मिली और ऊपरी स्तर पर 200 रुपए घटकर 55100 रुपए कारोबार देखा गया इसी प्रकार भारतीय एमसीएक्स में भी आज 7.50 घटकर 1526.50 रुपए देखा गया।

इस वक्त भारत में लगभग 2 लाख गांठ की आवक हो रही है और मांग सामान्य बनी हुई है जिसके चलते कपास के भाव इस वक्त एक दायरे में ही बने हुए हैं अब तक देखा जाए तो सीसीआई ने लगभग 25 लाख घाट खरीदी कर चुकी है और मल्टीनेशनल कंपनियों ने 15 लाख घाट तक खरीद चुकी है।

वही एक सर्वे के मुताबिक भारत की स्पिनिंग मिलों के पास अभी भी दो से तीन महीने का लगभग स्टॉक उपलब्ध है तो जिनिंग मिल आगे डिमांड का इंतजार कर रही है अगर डिमांड में वृद्धि होती है तो रुई की स्टॉक की गति बढ़ सकती है।

वहीं पिछले कुछ दिनों से लाल सागर पर आतंकी हमले के चलते सूती धागे और कॉटन की सप्लाई रख चुकी है हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों के मुताबिक अमेरिका में रुई की मांग अब बढ़ने लगी है तो चीन के पास भी अब धीरे-धीरे स्टॉक कमजोर हो रहा है और पाकिस्तान में पहले ही उत्पादन कम होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

फिलहाल बाजार की स्थिति को अगर समझने की कोशिश की जाए तो भारत में लगभग 1.75/2 लाख गांठ आवक हो रही है और इस वक्त डिमांड 1.05 लाख टन के करीब है साथी हरियाणा पंजाब और आंध्र प्रदेश में जो सीसीआई की खरीदी बनी हुई है उसमें अधिक मात्रा में स्टॉक जमा हो रहा है और सरकारी समर्थन मूल्य को देखते हुए भविष्य में कपास रुई घाट का भविष्य किसी और जाएगा यह कहना थोड़ा मुश्किल है छोटे अवधि के लिए हम फरवरी माह में कुछ सुधार की आशा कर सकते हैं।

अब तक भारत में 1 अक्टूबर 23 से 13 जनवरी 24 तक क्या 1 करोड़ 41 लाख 88652 बेल्स की आने के समाचार मिल रहे हैं, अब तक सीसीआई के प्रोडक्शन के मुताबिक 2 करोड़ 94 लाख बेल्स का उत्पादन बताया जा रहा है।

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